मंडियों में नमी और गुणवत्ता की कमी से सरसों के दाम घटे, किसानों को मिल रही है मुश्किलें

भिवानी:– किसानों की सरसों एमएसपी पर खरीद के लिए नौ से बढ़ाकर 11 मंडियां कर दी हैं, लेकिन लगातार तीन दिन से किसी भी मंडी में किसानों के सरसों का सरकार ने एक दाना तक नहीं खरीदा है। शुक्रवार को ई खरीद का पोर्टल भी सुचारु रूप से चला, लेकिन मौसम खराब होने की वजह से जिला मुख्यालय की मंडी में सरसों के साथ कोई किसान नहीं पहुंचा। हालांकि पहले से ही मंडी में किसानों की सरसों की ढेरियां लगी हैं। जिन्हें अभी तक कोई खरीदार नहीं मिला है।
सरकार ने किसानों की सरसों 5450 रुपये प्रति क्विंटल एमएसपी पर खरीद की घोषणा की है। कृषि मंत्री के निर्देश पर 15 मार्च से ही मंडियों में सरसों की सरकारी खरीद का दावा किया गया। किसान सरसों के साथ मंडी में भी पहुंचे, मगर नमी व पोर्टल की तकनीकी अड़चनों की वजह से किसानों की सरसों की सरकारी खरीद नहीं हो पाई। नौ मंड़ियों के अलावा चांग और खरककलां कच्ची दो मंडियों में भी सरसों की खरीद की घोषणा वीरवार से की गई है। सरकारी खरीद एजेंसियों को अभी तक कोई संभावित खरीद का लक्ष्य भी नहीं दिया है। वहीं प्राइवेट तौर पर भी किसानों की सरसों अभी 4500 से 5200 रुपयों के भाव ही बिक रही है। इससे किसान को भी करीब ढाई सौ रुपये प्रति क्विंटल का नुकसान झेलना पड़ रहा है।

आसमान में घिरे बादल, बूंदाबांदी बनी किसानों की आफत

मंडियों में किसान अपनी सरसों की अगेती फसल लेकर पहुंच रहे हैं, जबकि गेहूं और पछेती सरसों की कटाई का काम भी चल रहा है। ऐसे में वीरवार रात से ही मौसम अचानक बिगड़ गया। जिले भर में वीरवार रात से ही तेज हवाओं के साथ बूंदाबांदी हुई। वहीं शुक्रवार सुबह भी बूंदाबांदी हुई। आसमान में घिरे बादल और बूंदाबांदी किसानों के लिए आफत बनी है। मंडियों में भी पहले से अधिक नमी वाली सरसों को आढ़तियों ने तिरपाल से ढकवा दिया।

ई खरीद पर अब तक नहीं कटा एक भी किसान का सरसों बिक्री का गेट पास

ई खरीद पर अब तक एक भी किसान का गेट पास नहीं कटा है, जबकि ई नेम पोर्टल पर ही किसानों के गेट पास काटे गए हैं, जिनकी सरसों की भी प्राइवेट बोली लगवाई जा रही है। आढ़तियों का कहना है कि नमी और गुणवत्ता कम होने की वजह से फसल के काफी कम दाम मिल रहे हैं, सरकारी मानकों पर भी सरसों खरी नहीं उतर रही है। मंडियों में हमारी खरीद जारी है। फिलहाल प्राइवेट खरीद भी चल रही है। मानकों के हिसाब से ही किसानों की सरसों मंडियों में खरीदी जाएगी। जिन ढेरियों की जांच अब तक हुई है, उनमें फिलहाल कई बिंदुओं पर कमी दर्ज की गई हैं, जिन्हें दूर होते ही खरीद लिया जाएगा। -अनुराग गुप्ता, जिला प्रबंधक, हैफेड भिवानी।

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